Poem By Lata Haya (Jab rat me jugnu ko)
जब रात में जुगनू को चमकते हुए देखूं
भवरी को जो फूलों पे मचलते हुए देखूं
परवानों को जब शम्मा पर जलते हुए देखूं
तुझे दिल याद के तेरी फरियाद करे
जब भी ये सोचती हूं कि तेरी याद अब ना आय,
खुद से ही पूछती हूं तुझे कैसे दिल भुलाए,
सिकवा न है तुझसे न तुझसे कोई गिला है,
तुझसे ज्यादा भला मुझे कौन चाहता है,
धरती को आसमां से मिलते हुए देखूं,
बुल बुल को गुलिस्तां में चहकते हुए देखूं,
मौसम को अंदाज बदलते हुए देखूं।
तुझे दिल याद करे तेरी फरियाद करे।🙈
Prashant Shukla
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भवरी को जो फूलों पे मचलते हुए देखूं
परवानों को जब शम्मा पर जलते हुए देखूं
तुझे दिल याद के तेरी फरियाद करे
जब भी ये सोचती हूं कि तेरी याद अब ना आय,
खुद से ही पूछती हूं तुझे कैसे दिल भुलाए,
सिकवा न है तुझसे न तुझसे कोई गिला है,
तुझसे ज्यादा भला मुझे कौन चाहता है,
धरती को आसमां से मिलते हुए देखूं,
बुल बुल को गुलिस्तां में चहकते हुए देखूं,
मौसम को अंदाज बदलते हुए देखूं।
तुझे दिल याद करे तेरी फरियाद करे।🙈
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